वहीं दुःख भंजन, परम् सुखराशि बन रे मन राम चरन अनुरागी। वहीं दुःख भंजन, परम् सुखराशि बन रे मन राम चरन अनुरागी।
चेतन हो या फिर जड़ होवे जगत में, देगा वहीं मिला उसे जैसा चेतन हो या फिर जड़ होवे जगत में, देगा वहीं मिला उसे जैसा
धैर्य न खोना बस ये सोचना तू भी किसी का सहारा है धैर्य न खोना बस ये सोचना तू भी किसी का सहारा है
हमें इनकी संतानों से शिकायतें। गर मानव के पूर्वज बंदर हैं ! हमें इनकी संतानों से शिकायतें। गर मानव के पूर्वज बंदर हैं !
समय के साथ पुरानी-पुरानी, लगती है। समय के साथ पुरानी-पुरानी, लगती है।
इस उपलब्धि में बना सहायक प्यारा अपना समाज। इस उपलब्धि में बना सहायक प्यारा अपना समाज।